Friday, June 19, 2015

Mantra For Pitra Dosh Nivaran Pitra Shanti

Mantra For Pitra Dosh Nivaran & Pitra Shanti


पितृदोष और पितृशांति के लिए मंत्र :-

पितृदोष क्या है और कैसे होता है:- जब किसी भी व्यक्ति की कुंडली के नवम पर जब सूर्य और राहू की युति हो रही हो तो यह समझा जाता है कि उसके पितृ दोष योग बन रहा है | भारतीय संस्कृति में पुराणों और शास्त्रों के अनुसार सूर्य तथा राहू जिस भी भाव में बैठते है,  उस भाव के सभी फल नष्ट हो जाते है | यह योग व्यक्ति की कुण्डली में एक ऎसा दोष है जो सभी प्रकार के दु:खों को एक साथ देने की क्षमता रखता है, इस दोष को पितृ दोष के नाम से जाना जाता है |

व्यक्ति की कुन्डली का नवम् भाव अथवा घर धर्म का सूचक है तथा यह पिता का घर भी होता है | इसलिए अगर किसी की कुंडली में नवम् घर में ग्रहों कि स्थिति ठीक नहीं है अर्थात खराब ग्रहों से ग्रसित है तो इसका तात्पर्य है कि जातक के पूर्वजों की इच्छायें अधूरी रह गयीं थी अत: इस प्रकार का जातक हमेशा तनाव में रहता है एवं उसे मानसिक, शारीरिक तथा भौतिक समस्याओं और संकटों का सामना कारण पडता है |
अत: सपष्ट है कि जातक का नवां भाव या नवें भाव का मालिक राहु या केतु से ग्रसित है तो यह सौ प्रतिशत पितृदोष के कारणों में माना जाता है |


Tuesday, June 16, 2015

Mangal ke achuk upay

Mangal ke achuk upay

मंगलकामना के साथ करें मंगलवार को ये 3 उपाय

शास्त्रों के अनुसार मंगलवार को ही बजरंग बली का जन्म हुआ है। यही कारण है मंगलवार के दिन बजरंगबली की पूजा आराधना सच्चे मन से की जाए तो यह जल्दी ही शुभ फल प्रदान करते हैं। यहां आपको ऐसे तीन उपाय बताए जा रहे हैं जिन्हें आजमाकर आप हनुमानजी से इच्छित वर की प्राप्ति के लिए वर मांग सकते हैं।

पहला उपाय

किसी भी हनुमान मंदिर में अपने साथ एक नींबू और 4 लौंग लेकर जाएं। इसके बाद मंदिर में हनुमानजी के सामने नींबू के ऊपर चारों लौंग अर्पित करें। फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें या हनुमानजी के मंत्रों का जप करें। मंत्र जप के बाद हनुमानजी से सफलता की कामना करें और इस नींबू को अपने साथ ही रख लें। नींबू के प्रभाव से आपके कार्य में सफलता मिलने की संभावनाएं काफी बढ़ जाएंगी।

Kaise Samjhe Adhik Maas Ko

Kaise Samjhe Adhik Maas Ko

कैसे समझें अधिक मास को?

पुरुषोत्तम मास का अर्थ जिस माह में सूर्य संक्रांति नहीं होती वह अधिक मास कहलाता होता है। इस वर्ष यह 17 जून से 16 जुलाई तक है। इन दिनों में खास तौर पर सर्व मांगलिक कार्य वर्जित माने गए है, लेकिन यह माह धर्म-कर्म के कार्य करने में बहुत फलदायी है। इस मास में किए गए धार्मिक आयोजन पुण्य फलदायी होने के साथ ही ये आपको दूसरे माहों की अपेक्षा करोड़ गुना अधिक फल देने वाले माने गए हैं।


Mangal ka achuk Upay

Mangal ka achuk Upay

आजकल आम बात है कि कई तरह के लोग भगवान हनुमान के कई तरह से उपाय बताते है करो वैसा होगा करो ठीक हो जाएगा अब सोचने वाली बात है क्या वाकई मे सही होगा या और खराबी के हालाद बनते है मानता हू हनुमान जी कलयुग के देवता है उनकी पूजा फल भी देगी लेकिन कब ?? संसार के सचांलन के लिए तथा सतुंलन बनाऐ रखने के लिए ग्रहो का निर्माण किया गया है पचं तत्व विधमान है इनमे खुद भगवान शिव ने बिना किसी कारण इनके कार्य मे हस्तक्षेप करने का वरदान इनको दिया है इसलिए सतकर्म वालो के लिए ही ग्रह की दशा मे भगवान की पूजा शुभ फल देती है करोडो लोग पूजा करते और करते आऐ है वो आज भी नी समझते की गलती है कहाँ जो फल नी मिलता


purushottam adhik maas month 2015

purushottam adhik maas month 2015

विशेष-
अभी 17 जून से पुरूषोत्तम माह आरम्भ होगा जिसे अधिक मास कहा जाता है ।यह 16 जुलाई तक चलेगा
इसमें विवाह कार्य वर्जित है अन्य मांगलिक कार्य वर्जित हैं ।जैसे --मुन्डन, यज्ञोपवीत, गृहारम्भ, गृहप्रवेश, अग्न्याधान, वृषोत्सव उपाकृति राज्यभिषेक, सकामयज्ञादि, नववधुप्रवेश, दीक्षाग्रहण, वस्तुक्रय, भूमि आभूषण, वाहनादि का क्रय, व्रतोद्यापन, वापी कूप तडागादि वर्जित कार्य हैं


Sunday, June 14, 2015

Shani ji in seventh house effects and upay


Shani ji in seventh house effects and upay

सप्तम भाव में शनि का प्रभाव और उपाय
1. सातवें भाव में शनि होतो आदमी कोई भी कार्य शुरू करने के बादहिम्मत नहीं हारता और धन स्थायी रहता है 
2. जिस व्यक्ति के सप्तम भाव में शनि होता है वह स्त्री सुख सेवंचित रहता है यदि शनि निर्बल हो या सप्तम भाव पर शुभ स्थानों पर बैठे शुभ ग्रहोंकी द्रष्टि हो तो कुछ पत्नी सुख प्राप्त होता है , परंतु फिर भी पत्नी के कारणकलहा बनी रहेगी तथा वह दाम्पत्य जीवन का पूर्ण आनंद उठा सकेगा


Kaun hai aapke Isht Dev


Kaun hai aapke Isht Dev


अपना कल्याण चाहते हैं तो करें अपने इष्ट देव की इबादत

राशि और लग्न के हिसाब से सभी राशियों के अलग-अलग इष्ट देव और उपास्य देव होते हैं। जातक को किस देवी-देवता की अराधना करनी चाहिए जिससे की उसे मनोवांछित फल प्राप्त हो सकें। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार राशि और लग्न के आधार पर अपने-अपने देवी-देवता की पूजा और भक्ति करने से आशातीत लाभ होता है। इधर-उधर भटकने की बजाय उनकी इबादत को अपनाकर हर कोई अपना कल्याण कर सकता है। अपने इष्ट का सिमरण पाप नाशक और मोक्षदायक माना गया है।


Saturday, June 13, 2015

Astrology Benefits of Seeing Snake


Astrology Benefits of Seeing Snake


Saanp ko dekhne ke fayade

वैसे आम लोगों के मन में धारणा है कि सांप देखना दोष होता है या जिसको पितृदोष होता है उनको सांप दिखाई देते हैं।
जानें कैसे हो सकता है फायदा
- अगर आपको सफेद सांप दिख जाए तो आपको धन लाभ होगा।।

Bhagwaan Shiv Ko prasan kaise kare

Bhagwaan Shiv Ko prasan kaise kare

शिव को चढ़ाएं।

पहले उपाय के मुताबिक शिव पूजा में तरह-तरह के फूलों को चढ़ाने से अलग-अलग तरह की इच्छाएं पूरी हो जाती है। जानिए किस कामना के लिए कैसा फूल शिव को चढ़ाएं -

- वाहन सुख के लिए चमेली का फूल।
- दौलतमंद बनने के लिए कमल का फूल, शंखपुष्पी या बिल्वपत्र।